aahatt si koyi aaye to lagta hai ki tum ho
saya koyi lahraye to lagta hai ki tum ho
jab shakh koyi hath lagate hi chaman mein
sharmaye lachak jaye to lagta hai ki tum ho
sandal se mahakti hui pur-kaif hawa ka
jhonka koyi Takraye to lagta hai ki tum ho
odhe hue taron ki chamakti huyi chadar
naddi koyi bal khaye to lagta hai ki tum ho
jab raat gaye koyi kiran mere barabar
chup-chap si so jaye to lagta hai ki tum ho
आहट सी कोई आए तो लगता है कि तुम हो
साया कोई लहराए तो लगता है कि तुम हो
जब शाख़ कोई हाथ लगाते ही चमन में
शरमाए लचक जाए तो लगता है कि तुम हो
संदल से महकती हुई पुर-कैफ़ हवा का
झोंका कोई टकराए तो लगता है कि तुम हो
ओढ़े हुए तारों की चमकती हुई चादर
नद्दी कोई बल खाए तो लगता है कि तुम हो
जब रात गए कोई किरन मेरे बराबर
चुप-चाप सी सो जाए तो लगता है कि तुम हो
Singer: Bhupinder Singh
Gazal by Jaan Nizar Akthar
In childhood, one of my favorite programs on Vividh Bharati was “Kahkashan”. Whenever this ghazal sung by Bhupinder Singh was broadcasted on the radio I used to feel an inexpressible joy in my mind. The beauty of the lyrics, the music and the vocals of Bhupinder Singhji is very majestic.
https://www.youtube.com/watch?v=ElZfdU54Cp8 अरिजीत सिंह की आवाज में जादू हैं। दिन-रात सुनती रहूं तो भी मेरा दिल…
https://www.youtube.com/watch?v=SqZbGOCuai4 मुझे अभी भी कल की जैसे याद हैं वो दिन जब पहली बार मैंने…
उम्रभर किसीको कोई साथ न देतातुम थोड़ी दूर तो साथ चलो lमंजिल और राहें दोनों…
सपने बुनते ही रहे है दिल मेरे ज़िंदगी के हरेक पल। इससे क्या मिलने को…
“He who does not understand your silence will probably not understand your words.” — Elbert…
प्रेम गीत फिल्म का यह गाना मेरा सर्वकालिक पसंदीदा क्लासिक हिट गाना हैं। प्रेम गीत…
This website uses cookies.