My Poems

भूल

हम से न जाने कैसे ये भूल हुई जो जुगनू को समझ लिया सितारा। क्यों हमने सोचा अकेली राहों में ,घोर अँधेरे में मिल ही…

5 years ago

हवा का झोंका

एक हवा का झोंका दस्तक दी दरवाज़े में ऐसे फिर से मेरा। मुरझाया फूल खिलने लगी आँगन महका फिर से मेरा ।। बादल बरसना छोड़ दिया…

5 years ago

गुमराह

वक्त ने मुझे गुमराह किया था यह नहीं है मेरी मंज़िल। जिस मोड़ में राह झूठा था उसकी खोज में है अब दिल।  यहाँ से…

5 years ago

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