My Poems
हम से न जाने कैसे ये भूल हुई जो जुगनू को समझ लिया सितारा। क्यों हमने सोचा अकेली राहों में ,घोर अँधेरे में मिल ही…
एक हवा का झोंका दस्तक दी दरवाज़े में ऐसे फिर से मेरा। मुरझाया फूल खिलने लगी आँगन महका फिर से मेरा ।। बादल बरसना छोड़ दिया…
वक्त ने मुझे गुमराह किया था यह नहीं है मेरी मंज़िल। जिस मोड़ में राह झूठा था उसकी खोज में है अब दिल। यहाँ से…
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