बेवफा
कितने है सावन आये गये,
अब आँखों में हैं बादल छाये।
तरसे हे मन बरसे है नैन
कभी मिलन का न सावन आए।
जीवन के इस मोड़ पे देखो
बदल रहा हैं मन तुम्हारा मेरा।
गुम हो रहा हे धीरे प्यार हमारा
छा रहा है अब दिल में अँधेरा।।
मिलन न हुआ पर जुदा हुए
वफ़ा न दिया पर बेवफा हुए।
शायद मज़बूरी है या कुछ और
न खबर क्यों है वो खफा हुए।।