हवा का झोंका

हवा का झोंका

एक हवा का झोंका दस्तक दी 
दरवाज़े में ऐसे फिर से मेरा। 
मुरझाया फूल खिलने लगी 
आँगन महका फिर से मेरा ।।

बादल बरसना छोड़ दिया था 
खुशबु महकना भूल झुका था,
पवन जो सरकाया आँचल मेरा
दिल आज धड़का फिर से मेरा ।।

तूफ़ान मे कश्ती फटक गयी थी
जब दूर साहिल दिखने लगी,
बेरंग दुनिया मे रंग भरा 
आँखें चमका फिर से मेरा ।।

अश्कों की बरसात थम गया तो 
हंसी के फूल खिलने लग गयी 
आशाएँ झूले मे झूलने लगी है 
पायल झनका फिर से मेरा ।। 

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