प्रेम गीत फिल्म का यह गाना मेरा सर्वकालिक पसंदीदा क्लासिक हिट गाना हैं। प्रेम गीत जगजीत सिंह जी के संगीत…
है तो यह जीवन एक मिटती कहानी मौत से न कर सकोगे कोई बेईमानी। ख़ुशी के बचपन, सुख-दुःख भरी जवानी क्या पता, पचपन…
पल दो पल में आग लग जाएपर बुझाने के लिए ज़माना लगे। बुझा भी दिया था तो क्या हुआज़ख्म भरने के…
सब तुझ में ही जनम लेते हैखुदा हमें तुझसे ही बनाते हैंआखिर तेरे संग ही तो सबएक दिन विलीन हो…
आसमान में उड़कर भी तो रो रही है अन्दर से दर्द पानी बनकर बह रही है बादल ! तुझे सब खुशकिस्मत समझे पर तू क्यों…
एक हवा का झोंका दस्तक दी दरवाज़े में ऐसे फिर से मेरा। मुरझाया फूल खिलने लगी आँगन महका फिर से मेरा ।। बादल बरसना छोड़ दिया…
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